मैं लिखता हूं ………….

कहानी सौ वर्ष पूर्व भी लिखी गई थी ,आज भी लिखी जा रही है और आगे भी लिखी जाती रहेगी।। हमें यह मालूम करना होगा कि इस कहानी का मूल बिंदु क्या है जो हमें दुनिया से बेहतर बना सकता हैं।।

अपनी कहानी का एक बिंदु ढ़ूढ़ने का प्रयास किजिए शायद वहीं बिंदु आपकी कहानी का अहम हिस्सा हो सकता है।।

यहां मेरा तात्पर्य खुद को संवार देने से है।आज नहीं तो कल खुद को समझाया जाना तय होगा।।।

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