उस रात बहुत सी रातों की एक सम्मिलित रात थी । हजारों सवालों के जवाब आज के बाद कभी नहीं मिलने वाले थे । भावुक बबली अपने जज्बातों को संभालने की भरपूर कोशिश कर रही थी।।
अतीत बहुत सारी चीजों का जवाब कभी नहीं दे पाता है। बबली का एक सवाल उसे खाए जा रहा था कि आखिर क्यों ? बंद कमरे की चमक खुशी की हर बौछार को उकेर रही थी लेकिन बबली अपने अतीत को खंगाले जा रही थी।
कुछ था जो आज के बाद समाप्त होने वाला था।। समय की घड़ी आ पहुंची । बबली को जाने का इतना दुख कभी नहीं था जितना की उन बचे सवालों के जवाब।।
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